Durga ji

Durga, in Sanskrit means "She who is incomprehensible or difficult to reach." Goddess Durga is a form of Sakti worshiped for her gracious as well as terrifying aspect. Mother of the Universe, she represents the infinite power of the universe and is a symbol of a female dynamism. The manifestation of Goddess Durga is said to emerge from Her formless essence and the two are inseparable.

108 Names of Hanuman Ji

Lord Hanuman is the epitome of devotion and dedication towards his Lord Rama. Shri Hanuman is considered as the avatar or incarnation of Lord Shiva. Hanuman is also known as the Monkey God,

vishu ji

Vishnu is one of the three main gods in Hinduism. Vaishnavas believe that Vishnu is the highest God. Vishnu is the preserver god, which means he protects the earth from being destroyed and keeps it going, according to this religion, and he has come to earth in nine forms (called avatars) so far, with one yet to come. His most famous forms are Rama and Krishna. Vishnu’s wife is Lakshmi, the Hindu goddess of fortune.Vishnu is usually shown with light blue skin and four arms.

Shri krishna the person

The Vedas say Krishna is the original person, but that He always appears young and attractive. He knows everything, He contains all of reality, and all other living beings are His inseparable parts. He is the all-powerful, supreme controller of all energies.

bhagwat geet updesh

Gita made little religious impact until Shankaracharya's commentary appeared. From this time onward, it had an important influence on Hinduism. Krishna, presented in the poem as Vishnu in the flesh, is the spiritual teacher who recited the Gita. The Bhagvad-Gita consists of a dialogue between Krishna and Arjun on the battlefield of Kurukshetra.

Monday, October 17, 2011

शनि चालिसा


दोहा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।

दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥



शनि चालिसा




जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै। माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥

परम विशाल मनोहर भाला। टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके। हिय माल मुक्तन मणि दमके॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा। पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥

पिंगल, कृष्ो, छाया नन्दन। यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा। भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥

जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं। रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥

पर्वतहू तृण होई निहारत। तृणहू को पर्वत करि डारत॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो। कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई। मातु जानकी गई चुराई॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा। मचिगा दल में हाहाकारा॥

रावण की गतिमति बौराई। रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥

दियो कीट करि कंचन लंका। बजि बजरंग बीर की डंका॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा। चित्र मयूर निगलि गै हारा॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी। हाथ पैर डरवाय तोरी॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो। तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥

विनय राग दीपक महं कीन्हयों। तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी। आपहुं भरे डोम घर पानी॥

तैसे नल पर दशा सिरानी। भूंजीमीन कूद गई पानी॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई। पारवती को सती कराई॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा। नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी। बची द्रौपदी होति उघारी॥

कौरव के भी गति मति मारयो। युद्ध महाभारत करि डारयो॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला। लेकर कूदि परयो पाताला॥

शेष देवलखि विनती लाई। रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥

वाहन प्रभु के सात सजाना। जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं। हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा। सिंह सिद्धकर राज समाजा॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै। मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी। चोरी आदि होय डर भारी॥

तैसहि चारि चरण यह नामा। स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं। धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥

समता ताम्र रजत शुभकारी। स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै। कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला। करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई। विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत। दीप दान दै बहु सुख पावत॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा। शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥




दोहा



पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार।

करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

आरती श्री बृहस्पति देवता की


जय वृहस्पति देवा, ऊँ जय वृहस्पति देवा ।
छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ॥
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥
सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ॥
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहत गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥

Saraswati Chalisa


Janak Janani Pad Kamal Raj, Nij Mastak Par Dhaari,
Bandau Maatu Saraswati, Buddhi Bal De Daataari.
Purn Jagat Mein Vyaapt Tav, Mahima Amit Anantu,
Ramsaagar Ke Paap Ko, Maatu Tuhi Ab Hantu.

Jay Shri Sakal Buddhi Balaraasi, Jay Sarvagya Amar Avinaasi.

Jay Jay Veenaakar Dhaari, Karati Sadaa Suhans Savaari.
Roop Chaturbhujadhaari Maata, Sakal Vishv Andar Vikhyaata.

Jag Mein Paap Buddhi Jab Hoti, Jabahi Dharm Ki Phiki Jyoti.
Tabahi Maatu Le Nij Avataara, Paap Heen Karati Mahi Taara.

Baalmiki Ji The Baham Gyaani, Tav Prasaad Janie Sansaara.
Raamaayan Jo Rache Banaai, Aadi Kavi Ki Padavi Paai.

Kalidaas Jo Bhaye Vikhyaata, Teri Kripaa Drishti Se Maata.
Tulasi Sur Aadi Vidvaana, Bhaye Aur Jo Gyaani Nana.

Tinhahi Na Aur Raheu Avalamba, Keval Kripa Aapaki Amba.
Karahu Kripa Soi Maatu Bhavaani, Dukhit Din Nij Daasahi Jaani.

Putra Karai Aparaadh Bahuta, Tehi Na dharai Chitt Sundar Maata.
Raakhu Laaj Janani Ab Meri, Vinay Karu Bahu Bhaanti Ghaneri.

Mein Anaath Teri Avalamba, Kripa Karau Jay Jay Jagadamba.
Madhu Kaitabh Jo Ati Balavaana, Baahuyuddh Vishnu Te Thaana.

Samar Hajaar Paanch Mein Ghora, Phir Bhi Mukh Unase Nahi Mora.
Maatu Sahaay Bhai Tehi Kaala, Buddhi Viparit Kari Khalahaala.

Tehi Mrityu Bhai Khal Keri, Purvahu Maatu Manorath Meri.
Chand Mund Jo The Vikhyaata, Chhan Mahu Sanhaareu Tehi Maata.

Raktabij Se Samarath Paapi, Sur-Muni Hriday Dhara Sab Kampi.
Kaateu Sir Jim Kadali Khamba, Baar Baar Binavau Jagadamba.

Jag Prasidhdh Jo Shumbh Nishumbha, Chhin Me Badhe Taahi Tu Amba.
Bharat-Maatu Budhi Phereu Jaai, Ramachandra Banvaas Karaai.

Ehi Vidhi Raavan Vadh Tum Kinha, Sur Nar Muni Sab Kahu Sukh Dinha.
Ko Samarath Tav Yash Gun Gaana, Nigam Anaadi Anant Bakhaana.

Vishnu Rudra Aj Sakahi Na Maari, Jinaki Ho Tum Rakshaakaari.
Rakt Dantika Aur Shataakshi, Naam Apaar Hai Daanav Bhakshi.

Durgam Kaaj Dhara Par Kinha, Durga Naam Sakal Jag Linha.
Durg Aadi Harani Tu Maata, Kripa Karahu Jab Jab Sukhadaata.

Nrip Kopit Jo Maaran Chaahei, Kaanan Mein Ghere Mrig Naahei.
Saagar Madhy Pot Ke Bhange, Ati Toofaan Nahi Kou Sange.

Bhoot Pret Baadha Yaa Dukh Mein, Ho Daridra Athava Sankat Mein.
Naam Jape Mangal Sab Koi, Sanshay Isame Karai Na Koi.

Putrahin Jo Aatur Bhaai, Sabei Chhaandi Puje Ehi Maai.
Karai Path Nit Yah Chaalisa, Hoy Putra Sundar Gun Isa.

Dhupaadik Naivedy Chadhavei, Sankat Rahit Avashy Ho Jaavei.
Bhakti Maatu Ki Karei Hamesha, Nikat Na Aavei Taahi Kalesha.

Bandi Path Kare Shat Baara, Bandi Paash Door Ho Saara.
Karahu Kripa Bhavamukti Bhavaani, Mo Kahn Daas Sadaa Nij Jaani.


Doha

Maata Sooraj Kaanti Tav, Andhakaar Mam Roop, 
Dooban Te Raksha Karahu, Paru Na Mein Bhav-Koop. 
Bal Buddhi Vidya Dehu Mohi, Sunahu Sarasvati Maatu, 
Adham Ramasaagarahi Tum, Aashray Deu Punaatu.

श्री सरस्वती चालीसा


जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि।बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥
पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु।दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु॥
जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी॥
जय जय जय वीणाकर धारी।करती सदा सुहंस सवारी॥
रूप चतुर्भुज धारी माता।सकल विश्व अन्दर विख्याता॥
जग में पाप बुद्धि जब होती।तब ही धर्म की फीकी ज्योति॥
तब ही मातु का निज अवतारी।पाप हीन करती महतारी॥
वाल्मीकिजी थे हत्यारा।तव प्रसाद जानै संसारा॥
रामचरित जो रचे बनाई।आदि कवि की पदवी पाई॥
कालिदास जो भये विख्याता।तेरी कृपा दृष्टि से माता॥
तुलसी सूर आदि विद्वाना।भये और जो ज्ञानी नाना॥
तिन्ह न और रहेउ अवलम्बा।केव कृपा आपकी अम्बा॥
करहु कृपा सोइ मातु भवानी।दुखित दीन निज दासहि जानी॥
पुत्र करहिं अपराध बहूता।तेहि न धरई चित माता॥
राखु लाज जननि अब मेरी।विनय करउं भांति बहु तेरी॥
मैं अनाथ तेरी अवलंबा।कृपा करउ जय जय जगदंबा॥
मधुकैटभ जो अति बलवाना।बाहुयुद्ध विष्णु से ठाना॥
समर हजार पाँच में घोरा।फिर भी मुख उनसे नहीं मोरा॥
मातु सहाय कीन्ह तेहि काला।बुद्धि विपरीत भई खलहाला॥
तेहि ते मृत्यु भई खल केरी।पुरवहु मातु मनोरथ मेरी॥
चंड मुण्ड जो थे विख्याता।क्षण महु संहारे उन माता॥
रक्त बीज से समरथ पापी।सुरमुनि हदय धरा सब काँपी॥
काटेउ सिर जिमि कदली खम्बा।बारबार बिन वउं जगदंबा॥
जगप्रसिद्ध जो शुंभनिशुंभा।क्षण में बाँधे ताहि तू अम्बा॥
भरतमातु बुद्धि फेरेऊ जाई।रामचन्द्र बनवास कराई॥
एहिविधि रावण वध तू कीन्हा।सुर नरमुनि सबको सुख दीन्हा॥
को समरथ तव यश गुन गाना।निगम अनादि अनंत बखाना॥
विष्णु रुद्र जस कहिन मारी।जिनकी हो तुम रक्षाकारी॥
रक्त दन्तिका और शताक्षी।नाम अपार है दानव भक्षी॥
दुर्गम काज धरा पर कीन्हा।दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा॥
दुर्ग आदि हरनी तू माता।कृपा करहु जब जब सुखदाता॥
नृप कोपित को मारन चाहे।कानन में घेरे मृग नाहे॥
सागर मध्य पोत के भंजे।अति तूफान नहिं कोऊ संगे॥
भूत प्रेत बाधा या दुःख में।हो दरिद्र अथवा संकट में॥
नाम जपे मंगल सब होई।संशय इसमें करई न कोई॥
पुत्रहीन जो आतुर भाई।सबै छांड़ि पूजें एहि भाई॥
करै पाठ नित यह चालीसा।होय पुत्र सुन्दर गुण ईशा॥
धूपादिक नैवेद्य चढ़ावै।संकट रहित अवश्य हो जावै॥
भक्ति मातु की करैं हमेशा।निकट न आवै ताहि कलेशा॥
बंदी पाठ करें सत बारा।बंदी पाश दूर हो सारा॥
रामसागर बाँधि हेतु भवानी।कीजै कृपा दास निज जानी॥

॥दोहा॥

मातु सूर्य कान्ति तव, अन्धकार मम रूप।डूबन से रक्षा करहु परूँ न मैं भव कूप॥
बलबुद्धि विद्या देहु मोहि, सुनहु सरस्वती मातु।राम सागर अधम को आश्रय तू ही देदातु॥

शनिदेव जी की आरती


जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।

श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलांबर धार नाथ गज की असवारी ॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।

किरीट मुकुट शीश सहज दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी ॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।

देव दनुज ॠषि मुनि सुरत नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।

Shanidev Ji Ki Aarti


Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari,
 Sooraj Ke Putra Prabhu Chaaya Mahataari .

Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari.

Shyaam Ank Vakra Drasht Chaturbhujaa Dhaari,
Nilaambar Dhaar Naath Gaj Ki Asavaari .

Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari.


Kirit Mukut Shish Sahaj Dipat Hai Lilaari,
Muktan Ki Maal Gale Shobhit Balihaari.

Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari.

Modak Mishtaan Paan Chadhat Hai Supaari,
Lohaa Til Tel Udad Mahishi Ati Pyaari.

Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari.

Dev Danuj Rishi Muni Surat Nar Naari,
Vishvanaath Dharat Dhyaan Sharan Hai Tumhaari.

Jay Jay Shri Shanidev Bhaktan Hitakaari.

108 Names of Ram Ji

 
Om Shri Ramaya Namaha
Om Ramabhadraya Namaha
Om Ramachandraya Namaha
Om Shashvataya Namaha
Om Rajivalochanaya Namaha
Om Shrimate Namaha
Om Rajendraya Namaha
Om Raghupungavaya Namaha
Om Janaki Vallabhaya Namaha
Om Jaitraya Namaha
Om Jitamitraya Namaha
Om Janardhanaya Namaha
Om Vishvamitra Priyaya Namaha
Om Dantaya Namaha
Om Sharanatrana Tatparaya Namaha
Om Bali Pramathanaya Namaha
Om Vagmine Namaha
Om Satyavache Namaha
Om Satyavikramaya Namaha
Om Satyavrataya Namaha
Om Vratadharaya Namaha
Om Sada Hanumadashritaya Namaha
Om Kausaleyaya Namaha
Om Kharadhvamsine Namaha
Om Viradha Vanapanditaya Namah
Om Vibhishana Paritratre Namaha
Om Kodanda Khandanaya Namaha
Om Saptatala Prabhedre Namaha
Om Dashagriva Shiroharaya Namaha
Om Jamadagnya Mahadarpaya Namaha
Om Tatakantakaya Namaha
Om Vedanta Saraya Namaha
Om Vedatmane Namaha
Om Bhavarogasya Bheshajaya Namaha
Om Dushanatri Shirohantre Namaha
Om Trigunatmakaya Namaha
Om Trivikramaya Namaha
Om Trilokatmane Namaha
Om Punyacharitra Kirtanaya Namah
Om Triloka Rakshakaya Namaha
Om Dhanvine Namaha
Om Dandakaranya Kartanaya Namaha
Om Ahalya Shapashamanaya Namaha
Om Pitru Bhaktaya Namaha
Om Vara Pradaya Namaha
Om Jitendriyaya Namaha
Om Jitakrodhaya Namaha
Om Jitamitraya Namaha
Om Jagad Gurave Namaha
Om Riksha Vanara Sanghatine Namaha
Om Chitrakuta Samashrayaya Namaha
Om Jayanta Trana Varadaya Namaha
Om Sumitra Putra Sevitaya Namaha
Om Sarva Devadhi Devaya Namaha
Om Mritavanara Jivanaya Namaha
Om Mayamaricha Hantre Namaha
Om Mahadevaya Namaha
Om Mahabhujaya Namaha
Om Sarvadeva Stutaya Namaha
Om Saumyaya Namaha
Om Brahmanyaya Namaha
Om Muni Samstutaya Namaha
Om Mahayogine Namaha
Om Mahadaraya Namaha
Om Sugrivepsita Rajyadaye Namaha
Om Sarva Punyadhi Kaphalaya Namaha
Om Smrita Sarvagha Nashanaya Namaha
Om Adipurushaya Namaha
Om Paramapurushaya Namaha
Om Mahapurushaya Namaha
Om Punyodayaya Namaha
Om Dayasaraya Namaha
Om Purana Purushottamaya Namaha
Om Smita Vaktraya Namaha
Om Mita Bhashine Namaha
Om Purva Bhashine Namaha
Om Raghavaya Namaha
Om Ananta Gunagambhiraya Namaha
Om Dhirodatta Gunottamaya Namaha
Om Maya Manusha Charitraya Namaha
Om Mahadevadi Pujitaya Namaha
Om Setukrite Namaha
Om Sarva Tirthamayaya Namaha
Om Haraye Namaha
Om Shyamangaya Namaha
Om Sundaraya Namaha
Om Shooraya Namaha
Om Pitavasase Namaha
Om Dhanurdharaya Namaha
Om Sarva Yajnadhipaya Namaha
Om Yajvine Namaha
Om Jaramarana Varjitaya Namaha
Om Vibhishana Pratishthatre Namaha
Om Sarvabharana Varjitaya Namaha
Om Paramatmane Namaha
Om Parabrahmane Namaha
Om Sachidananda Vigrahaya Namaha
Om Parasmai Jyotishe Namaha
Om Parasmai Dhamne Namaha
Om Parakashaya Namaha
Om Paratparaya Namaha
Om Pareshaya Namaha
Om Parakaya Namaha
Om Paraya Namaha
Om Sarva Devatmakaya Namaha
Om Parasmai Namaha

Lord Shiva Aarti


Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKaraBrahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara

Ekanan Chaturanan Panchanan Raajey

Hansanan Garurasan Vrishvaahan Saajey

Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara

Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara

Do Bhuj Chaar Chaturbhuj Das Bhuj Te Sohey

Teeno Roop Nirakhta Tribhuvan Jan Mohey

Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara

Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara

Akshmala Banmala Mundmala Dhaari

Chandan Mrigmad Sohay Bholay Shubhkari

Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara

Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara

Shwetambar Pitambar Baagambar Angey

Sankadik Brahmadik Bhutadik Sangey

Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara

Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara

Karkey Madhya Kamandal Chakra Trishul Dharta

Jagkarta Jagbharta Jagsanhaarkarta

Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara

Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara

Brahma Vishnu Sada Shiv Jaanat Aviveka

Pranvaakshar Madhye Ye Teeno Eka

Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara

Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara

Trigun Shivji Ki Aarti Jo Koi Nar Gaavey

Kahat Shivanand Swami Manvaanchit Phal Paavey

Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara

Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara

Hanuman Ji Aarti

Arti Ki Jai Hanuman Lala Ki. DrishDalan Raghunath Kala Ki.
Jakey Bal Se Girivar Kaanpey. Rog-Dosh Jaakey Nikat Na Jhaapey.

Anjani Putra Maha Baldai. Santan Ke Prabhu Sada Sahai.

De Bira Raghunath Pathaye. Lanka Jaari Siya Sudhi Laye.

Lanka So Kot Samudra Si Khai. Jaat Pavansut Baar Na Laai.

Lanka Jaari Asur Sanhaarey. Siyaramjike Kaaj Savarey.

Laxman Moorchit Padey Sakaarey. Aani Sanjeevan Pran Ubaarey.

Paithy Pataal Tori Jam-Kaarey. Ahiravan Ki Bhuja Ukhaarey.

Baaye Bhuja Asur Dal Maarey. Dahiney Bhuja Santjan Taarey.

Sur Nar Muni Aarti Utaarey. Jai Jai Jai Hanuman Uchaarey.

Kanchan Thaar Kapoor Lo Chaai. Aarti Karat Anjana Mai.

Jo Hanuman Ji Ki Aarti Gaavey. Basi Baikunth Param Pad Paavey.

Santoshi Maa Aarti


Jai Santoshi Mata, Maiya Santoshi Mata,
Apane Sevak Jan Ki,Sukh Sampati Data.
Jai Santoshi Mata

Sundar Chir Sunahari Ma Dhaaran Kinho,
Hira Panna Damake, Tan Shringaar Linho.
Jai Santoshi Mata

Geru Laal Chata Chavi,Badan Kamal Sohe,
Mand Hansat Karunamayi Tribhuvan Man Mohe.
Jai Santoshi Mata

Swarn Sinhasan Baithi,Chanvar Dhure Pyare ,
Dhup,Dheep,Madhumeva, Bhog Dhare Nyare.
Jai Santoshi Mata

Gud Aur Chana Paramapriya,Tame Santosh Kiye.
Santoshi Kahalai, Bhaktan Vibhava Diye.
Jai Santoshi Mata

Shukravar Priya Manati, Aj Divas Sohi .
Bhakt Mandali Chai, Katha Sunat Mohi.
Jai Santoshi Mata

Mandir Jagmag Jyothi, Mangala Dhwani Chai .
Vinay Kare Ham Sevak, Charanan Shiri Nai.
Jai Santoshi Mata

Bhakti Bhavamay Puja, Angikrut Ki jai .
Jo Man Base Hamare, Ichhith Fal Dije.
Jai Santoshi Mata

Dukhi, Daridri, Rogi, Sankatamukt Kiye,
Bahu Dhan-Dhany Bhare Ghar, Sukh Saubhagy Diye.
Jai Santoshi Mata

Dhyan Dharyo Jan Tera, Manavanchit Fal Payo.
Puja Katha Shravan Kar, Ghar Aanand Ayo.
Jai Santoshi Mata

Sharan Gahe Ki Lajja, Rakhiyo Jagadambe,
Sankat Tu Hi Nivare, Dayamayi Ambe.
Jai Santoshi Mata

Skhukravar Priya manathi, Aaj Divas Sohi
Bhakt Mandali Chayi, Katha Sunath Mohi
Jai Santoshi Mata

Santoshi Ma Ki Arati Jo Koi Jan Gaave,
Riddhi-Siddhi Sukh Sampati, Ji Bharakar Pave.
Jai Santoshi Mata…

Jai Santoshi Mata, Maiya Santoshi Mata,
Apane Sevak Jan Ki,Sukh Sampati Data.
Jai Santoshi Mata

Shri Kunj Bihari Ji Ki Aarti

Aarti Kunjbihari Ki, Shri Giradhar Krishnamuraari Ki
Gale Mein Baijanti Maalaa, Bajaave Murali Madhur Baalaa

Shravan Mein Kundal Jhalakaalaa, Nand Ke Anand Nandlala
Gagan Sam Ang Kanti Kaali, Radhika Chamak Rahi Aali
Latan Mein Thadhe Banamali

Bhramar Si Alak, Kasturi Tilak, Chandra Si Jhalak
Lalit Chavi Shyama Pyari Ki
Shri Giradhar Krishnamuraari Ki

Kanakmay Mor Mukut Bilasei, Devata Darsan Ko Tarasei
Gagan So Suman Raasi Barase
Baje Murchang, Madhur Mridang, Gwaalin Sang
Atual Rati Gop Kumaari Ki

Shri Giradhar Krishnamuraari Ki

Jahaan Te Pragat Bhayi Ganga, Kalush Kali Haarini Shri Ganga
Smaran Te Hot Moh Bhanga
Basi Shiv Shish, Jataa Ke Biich, Harei Agh Kiich
Charan Chhavi Shri Banvaari Ki

Shri Giradhar Krishnamuraari Ki

Chamakati Ujjawal Tat Renu, Baj Rahi Vrindavan Benu
Chahu Disi Gopi Gwaal Dhenu
Hansat Mridu Mand, Chaandani Chand, Katat Bhav Phand
Ter Sun Diin Bhikhaarii Ki

Shri Giradhar Krishnamuraari Ki

वैष्णो माता की आरती


जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
द्वार तुम्हारे जो भी आता, बिन माँगे सबकुछ पा जाता॥ मैया जय वैष्णवी माता।
तू चाहे जो कुछ भी कर दे, तू चाहे तो जीवन दे दे।
राजा रंग बने तेरे चेले, चाहे पल में जीवन ले ले॥ मैया जय वैष्णवी माता।
मौत-जिंदगी हाथ में तेरे मैया तू है लाटां वाली।
निर्धन को धनवान बना दे मैया तू है शेरा वाली॥ मैया जय वैष्णवी माता।
पापी हो या हो पुजारी, राजा हो या रंक भिखारी।
मैया तू है जोता वाली, भवसागर से तारण हारी॥ मैया जय वैष्णवी माता।
तू ने नाता जोड़ा सबसे, जिस-जिस ने जब तुझे पुकारा।
शुद्ध हृदय से जिसने ध्याया, दिया तुमने सबको सहारा॥ मैया जय वैष्णवी माता।
मैं मूरख अज्ञान अनारी, तू जगदम्बे सबको प्यारी।
मन इच्छा सिद्ध करने वाली, अब है ब्रज मोहन की बारी॥ मैया जय वैष्णवी माता।
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, तेरा पार न पाया।
पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल ले तेरी भेंट चढ़ाया॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, तेरा पार न पाया।
सुआ चोली तेरे अंग विराजे, केसर तिलक लगाया।
ब्रह्मा वेद पढ़े तेरे द्वारे, शंकर ध्यान लगाया।
नंगे पांव पास तेरे अकबर सोने का छत्र चढ़ाया।
ऊंचे पर्वत बन्या शिवाली नीचे महल बनाया॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, तेरा पार न पाया।
सतयुग, द्वापर, त्रेता, मध्ये कलयुग राज बसाया।
धूप दीप नैवेद्य, आरती, मोहन भोग लगाया।
ध्यानू भक्त मैया तेरा गुणभावे, मनवांछित फल पाया॥
सुन मेरी देवी पर्वतवासिनी, तेरा पार न पाया।

Ganesh ji ki Aarti

JAI GANESH JAI GANESH JAI GANESH DEVA

MATA JAKII PARVATII, PITAA MAHAADEVA
EKA DANTA DAYAVANTA, CAAR BHUJA DHAARII
MATHE SINDUURA SOHAI, MUUSE KII SAVARI

JAI GANESH JAI GANESH JAI GANESH DEVA

ANDHANA KO AANKHA DETA
KORHINA KO KAAYAA
BANJHANA KO PUTRA DETA
NIRDHANA KO MAAYA

JAI GANESH JAI GANESH JAI GANESH DEVA

PAANA CARHE, PHUULA CARHE
AURA CARHE MEVA
LADDUAN KO BHOGA LAGE
SANT KAREN SEVA

JAI GANESH JAI GANESH JAI GANESH DEVA

श्री गणेश जी की आरती



जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा .
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी .
माथे पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया .
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
हार चढ़ै, फूल चढ़ै और चढ़ै मेवा .
लड्डुअन को भोग लगे, संत करे सेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
दीनन की लाज राखो, शंभु सुतवारी .
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥

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