Tuesday, August 21, 2012

Sukhkarta Dukhharta ( Ganesh Aarti )

 
सुखकरता  दुखहर्ता
वार्ता  विघ्नाची
नूर्वी  पूर्वी  प्रेम  कृपया  जयाची
सर्वांगी  सुन्दर  उतिशेंदु  रची
कंठी  झलके  माद  मुखता  पधांची 

जय देव जय देव
जय मंगल मूर्ती
दर्शन  मरते  मान  कमाना  पूर्ति
जय देव जय देव
रत्ना  खाचिकता  परा

सुखकरता  दुखहर्ता
वार्ता  विघ्नाची
नूर्वी  पूर्वी  प्रेम  कृपया  जयाची
सर्वांगी  सुन्दर  उतिशेंदु  रची
कंठी  झलके  माद  मुखता  पधांची 

जय देव जय देव
जय मंगल मूर्ती
दर्शन  मरते  मान  कमाना  पूर्ति
जय देव जय देव
रत्ना  खाचिकता  परा
रत्नखचित  फार  तुझ  गौरीकुमरा
चंदनाची  उती  कुमकुम  के  सहारा 
हीरे  जड़ीटी  मुकुट  शोभतो बारा
रुनझुनाती  नूपुरे  चरनी  घागरिया

जय देव जय देव
जय मंगल मूर्ती
दर्शन  मरते  मान  कमाना  पूर्ति
जय देव जय देव

लम्बोदर  पीताम्बर  फनिवर  वंदना
सरल  सोंड  वक्रतुंडा  त्रिनयना 
दस  रामाचा  वाट  पाहे  सदना
संकटी  पावावे  निर्वाणी  रक्षावे  सुरवर  वंदना 

जय देव जय देव
जय मंगल मूर्ती
दर्शन  मरते  मान  कमाना  पूर्ति
जय देव जय देव

शेंदुर  लाल  चढायो  अच्छा  गजमुख  को
दोंदिल  लाल  बिराजे  सूत  गौरिहार  को
हाथ  लिए  गुड  लड्डू  साई  सुखर  को
महिमा  कहे  न  जाय  लागत  हूँ  पद  को 
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखादाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव

आस्था सीधी दासी संकट को बैरी
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे चाबी तेरी
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी

जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखादाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव

भावाभागत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखादाता
धन्य  तुम्हारो  दर्शन  मेरा  मत  रमता
जय देव जय देव

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