Tuesday, February 12, 2013

आरती गंगे माता की

ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
ॐ जय गंगे माता ।
चंद्र सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पड़े जो तेरी , सो नर तर जाता ॥
ॐ जय गंगे माता ।
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥
ॐ जय गंगे माता ।
एक ही बार जो तेरी, शरण गति आता ।
यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता ॥
ॐ जय गंगे माता ।
आरति मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता ।
दास वही सहज में, मुक्ति को पाता ॥
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।

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